अब हर डाल पर एक गुलाब होगा। आंधियो से अब सारा हिसाब होगा।। जग गए इस बस्ती के सोए हुए लोग, सारा लुटा माल अब दस्तियाब होगा। हर एक वोट की कीमत समझता है, वो वोटों का भिखारी कल नवाब होगा। दफतर मे आर टी आई लगा के देख लो, हर सवाल का घुमा फिरा जवाब होगा। सियासत के झुठे वादो पर यकीं करो तो, अमावस की रात मे भी मेहताब होगा। – पी एल बामनिया पी एल बामनिया जी की कविता पी एल बामनिया जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
अब हर डाल पर एक गुलाब होगा
अब हर डाल पर एक गुलाब होगा।
आंधियो से अब सारा हिसाब होगा।।
जग गए इस बस्ती के सोए हुए लोग,
सारा लुटा माल अब दस्तियाब होगा।
हर एक वोट की कीमत समझता है,
वो वोटों का भिखारी कल नवाब होगा।
दफतर मे आर टी आई लगा के देख लो,
हर सवाल का घुमा फिरा जवाब होगा।
सियासत के झुठे वादो पर यकीं करो तो,
अमावस की रात मे भी मेहताब होगा।
– पी एल बामनिया
पी एल बामनिया जी की कविता
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