तुम्हारा मौन उसकी मुस्कराहट के ख़िलाफ़ जंग का ऐलान है या फिर ख़ुद की हक़ीकत जानने के बाद का गुस्सा अपने ही ख़िलाफ़ अगर यह झूठ है तो सच क्या है तुम्हारी ख़ामोशी या उसकी मुस्कराहट जो तुम्हें पसंद नहीं | – इरशाद अज़ीज़ इरशाद अज़ीज़ जी की कविता इरशाद अज़ीज़ जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
तुम्हारा मौन
तुम्हारा मौन
उसकी मुस्कराहट के ख़िलाफ़
जंग का ऐलान है
या फिर
ख़ुद की हक़ीकत
जानने के बाद का गुस्सा
अपने ही ख़िलाफ़
अगर यह झूठ है
तो सच क्या है
तुम्हारी ख़ामोशी
या उसकी मुस्कराहट
जो तुम्हें पसंद नहीं |
– इरशाद अज़ीज़
इरशाद अज़ीज़ जी की कविता
इरशाद अज़ीज़ जी की रचनाएँ
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