बाधा से घबरा नहीं करता रह प्रयास मन में रख विष्वास तू रच देगा इतिहास अपने बल पर वो बड़ा उसने पायी ठोर तू काहे को जल रहा काहे करता शोर शाम हुई पंछी गये अपने अपने नीड़ नीड़ बना जिस चीड़ पर भाग्यवान वो चीड़ कदम कदम पर झूठ का लगा हुआ दरबार अपनी आँखें खोलकर कदम रखो सरकार छोटी-छोटी बात पर करते जो टकरार अच्छी कैसे वो हमें देंगे इक सरकार दूजे यहाँ सभी बुरे केवल अच्छे आप हार रहे मतदान में फिर क्यों मेरे बाप ? झाँक रहा हर दवार पर मदमाता मधुमास हुक उठी इक प्यास की उथल-पुथल विश्वास – जगदीश तिवारी जगदीश तिवारी जी की दोहा जगदीश तिवारी जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
बाधा से घबरा नहीं
बाधा से घबरा नहीं करता रह प्रयास
मन में रख विष्वास तू रच देगा इतिहास
अपने बल पर वो बड़ा उसने पायी ठोर
तू काहे को जल रहा काहे करता शोर
शाम हुई पंछी गये अपने अपने नीड़
नीड़ बना जिस चीड़ पर भाग्यवान वो चीड़
कदम कदम पर झूठ का लगा हुआ दरबार
अपनी आँखें खोलकर कदम रखो सरकार
छोटी-छोटी बात पर करते जो टकरार
अच्छी कैसे वो हमें देंगे इक सरकार
दूजे यहाँ सभी बुरे केवल अच्छे आप
हार रहे मतदान में फिर क्यों मेरे बाप ?
झाँक रहा हर दवार पर मदमाता मधुमास
हुक उठी इक प्यास की उथल-पुथल विश्वास
– जगदीश तिवारी
जगदीश तिवारी जी की दोहा
जगदीश तिवारी जी की रचनाएँ
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