भाई जूते चल रहे, आपस में ही यार। आपस में ही कर रहे, इक दूजे पर वार।। इक दूजे पर वार, यार योगी घबराया। इस नाटक को देख, विरोधी मुस्काया।। देख कहे ‘जगदीश’ करो न ऐसे लड़ाई। राहुल तो है आज,बहुत ही गदगद भाई। – जगदीश तिवारी जगदीश तिवारी जी की छन्द जगदीश तिवारी जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
भाई जूते चल रहे
भाई जूते चल रहे, आपस में ही यार।
आपस में ही कर रहे, इक दूजे पर वार।।
इक दूजे पर वार, यार योगी घबराया।
इस नाटक को देख, विरोधी मुस्काया।।
देख कहे ‘जगदीश’ करो न ऐसे लड़ाई।
राहुल तो है आज,बहुत ही गदगद भाई।
– जगदीश तिवारी
जगदीश तिवारी जी की छन्द
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