कागज कलम प्रतीक्षा में खड़े थे कि लिखूँ तुम्हें कविता में और तभी सांकल खटकी भावों का महा-शब्दकोष बन मुस्कान लिये खड़ी थी तुम कोरा कागज वह अब मेरा महाकाव्य है बखान करता है सप्त सर्ग प्रीत के अनुराग के –रामनारायण सोनी रामनारायण सोनी जी की कविता रामनारायण सोनी जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
कागज कलम प्रतीक्षा में खड़े थे
कागज कलम
प्रतीक्षा में खड़े थे
कि लिखूँ तुम्हें कविता में
और तभी सांकल खटकी
भावों का महा-शब्दकोष बन
मुस्कान लिये खड़ी थी तुम
कोरा कागज वह अब
मेरा महाकाव्य है
बखान करता है
सप्त सर्ग
प्रीत के अनुराग के
–रामनारायण सोनी
रामनारायण सोनी जी की कविता
रामनारायण सोनी जी की रचनाएँ
[simple-author-box]
अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें