• हमने अर्पण किया

    हमने अर्पण किया जान तन आप पर । आ गया है हमारा ये मन आप पर । इक झलक पर [...] More
  • हादसों पर ग़ज़ल, इक़बाल हुसैन “इक़बाल”

    छोड़ो हमारा साथ

    छोड़ो हमारा साथ जो तुमको बुरा लगे । वो साथ कैसा साथ जो मिलकर जुदा लगे । था मुद्दतों का [...] More
  • अजब मौजे तूफ़ान

    अजब मौजे तूफ़ान के वलवले हैं । नदी की अगन से किनारे जले हैं । दहकते बदन से डरे कब [...] More
  • ख्वाब पर ग़ज़ल, इक़बाल हुसैन “इक़बाल”

    वो जफ़ा थी या वफ़ा

    वो जफ़ा थी या वफ़ा भूल गए हैं अब तक । आप क्यूँ जाने उसे याद रखे हैं अब तक [...] More
  • ज़िंदगी पर ग़ज़ल, जगदीश तिवारी

    अब अंधेरा नहीं

    अब अंधेरा नहीं रौशनी चाहिए खेलती कूदती ज़िन्दगी चाहिए हम रहें प्यार से प्यार सब से करें दुश्मनी अब नहीं [...] More
  • चित्तोर पर दोहा, जगदीश तिवारी

    मेवाड़ की गाथा पर

    वीर सदा पैदा हुए, जिस धरती पर मीत। भूल न उस चित्तौड़ को, उस पर लिख तू गीत।। लिख गाथा [...] More
  • इतिहास पर कविता, देवेन्द्र कुमार सिंह "दददा"

    कहने को तो सब अपने हैं

    कहने को तो सब अपने हैं अपनो जैसा प्यार मिला है | अपनेपन से भरा हुआ हो ऐसा नहीं विचार [...] More
  • प्र्शन पर कविता, देवेन्द्र कुमार सिंह "दददा"

    जीवन के चौराहे पर

    जीवन के चौराहे पर, सब ओर देखिये प्रश्न मिलेगा शान्त सरोवर की छाती पर प्रश्न कमल बनकर निकलेगा एकाकी जीवन [...] More
  • मुझे मेरे हिस्से का

    मुझे मेरे हिस्से का आकाश दे दो, अनछुयी सासों की वंजर धरती में, बो दूंगा एक टुकड़ा चांद | गल [...] More
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