वह चुप रहती है तो बोलती हैं उसकी आंखें सुनाती हैं अनकहे किस्से-कहानियां जो उसके मन ने कही उसने सुनी नहीं उतर सकी अब तक काग़ज़ पर शायद इसलिए कोई पढ़ ना ले या फिर शब्दों में बंधना नहीं चाहती वह जानती होगी चुप रहने का सुख | – इरशाद अज़ीज़ इरशाद अज़ीज़ जी की कविता इरशाद अज़ीज़ जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
वह चुप रहती है
वह चुप रहती है
तो बोलती हैं
उसकी आंखें
सुनाती हैं
अनकहे
किस्से-कहानियां
जो उसके मन ने कही
उसने सुनी
नहीं उतर सकी
अब तक काग़ज़ पर
शायद इसलिए
कोई पढ़ ना ले
या फिर
शब्दों में बंधना नहीं चाहती वह
जानती होगी
चुप रहने का सुख |
– इरशाद अज़ीज़
इरशाद अज़ीज़ जी की कविता
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