दामन पकड़ लिया तो छुड़ाया न जायेगा भूले से भी तुमको भुलाया न जाएगा लाखों जतन करें हम लक़ीरो को फेर दे तक़दीर का लिखा तो मिटाया न जायेगा छॊडॊ जनाब एहदे वफाओं का सिलसिला दर्दे-हयात तुमसे उठाया न जायेगा हम जी लेंगे जैसे चलेगी ये ज़िन्दगी लेकिन ये हाथ तुमसे मिलाया न जायेगा यों छॊडकर कभी भी कहीं दूर जाइये न हमसे वज़न गमो का उठाया न जायेगा मेरे बलम सुनो जी, अनाड़ी ही तुम भले अब उम्र हो गई है सिखाया न जायेगा इक तीर सा चलाया इशारो के बाण से ऐसी जगह लगा है दिखाया न जायेगा एहसान से ‘निशा’ को दबाया है आपने वो कर्ज़ कर दिया है चुकाया न जायेगा – डॉ. नसीमा निशा डॉ. नसीमा निशा जी की मोहब्बत पे ग़ज़ल [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
दामन पकड़ लिया तो छुड़ाया न जायेगा
दामन पकड़ लिया तो छुड़ाया न जायेगा
भूले से भी तुमको भुलाया न जाएगा
लाखों जतन करें हम लक़ीरो को फेर दे
तक़दीर का लिखा तो मिटाया न जायेगा
छॊडॊ जनाब एहदे वफाओं का सिलसिला
दर्दे-हयात तुमसे उठाया न जायेगा
हम जी लेंगे जैसे चलेगी ये ज़िन्दगी
लेकिन ये हाथ तुमसे मिलाया न जायेगा
यों छॊडकर कभी भी कहीं दूर जाइये न
हमसे वज़न गमो का उठाया न जायेगा
मेरे बलम सुनो जी, अनाड़ी ही तुम भले
अब उम्र हो गई है सिखाया न जायेगा
इक तीर सा चलाया इशारो के बाण से
ऐसी जगह लगा है दिखाया न जायेगा
एहसान से ‘निशा’ को दबाया है आपने
वो कर्ज़ कर दिया है चुकाया न जायेगा
– डॉ. नसीमा निशा
डॉ. नसीमा निशा जी की मोहब्बत पे ग़ज़ल
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