दिल जो तुम से लगा नहीं होता ज़िन्दगी में मज़ा नहीं होता साथ जो छोड़ तुम चले जाते पास कुछ भी बचा नहीं होता दूरियाँ गर बड़ी नहीं होती दर्द क्या है पता नहीं होता कुछ तो तुमने उसे कहा होगा वरना वो यूँ ख़फा नहीं होता तोड़कर यार रिश्ते अपनों से कोई भी फायदा नहीं होता आदमी कब कहाँ चला जाये ये किसी को पता नहीं होता सब पे विश्व़ास कैसे कर लें हम आदमी हर भला नहीं होता – जगदीश तिवारी जगदीश तिवारी जी के ग़ज़ल जगदीश तिवारी जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
दिल जो तुम से
दिल जो तुम से लगा नहीं होता
ज़िन्दगी में मज़ा नहीं होता
साथ जो छोड़ तुम चले जाते
पास कुछ भी बचा नहीं होता
दूरियाँ गर बड़ी नहीं होती
दर्द क्या है पता नहीं होता
कुछ तो तुमने उसे कहा होगा
वरना वो यूँ ख़फा नहीं होता
तोड़कर यार रिश्ते अपनों से
कोई भी फायदा नहीं होता
आदमी कब कहाँ चला जाये
ये किसी को पता नहीं होता
सब पे विश्व़ास कैसे कर लें हम
आदमी हर भला नहीं होता
– जगदीश तिवारी
जगदीश तिवारी जी के ग़ज़ल
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