दुनिया मे प्रदूषण कम कहाँ है रहने के जैसा मौसम कहाँ है। इंसान को इंसान नजर आता नही अभिमान का धुंआ कम कहाँ है। हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सब एक जगह बैठे ऐसी जाजम कहाँ है एकता की बात हम रोज करते है एक साथ उठने वाले कदम कहाँ है। टेक्स जी भर कर लगा रहे है आप मगर गुजारे लायक इन्कम कहाँ है। –पी एल बामनिया पी एल बामनिया जी की ग़ज़ल पी एल बामनिया जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
दुनिया मे प्रदूषण कम कहाँ है
दुनिया मे प्रदूषण कम कहाँ है
रहने के जैसा मौसम कहाँ है।
इंसान को इंसान नजर आता नही
अभिमान का धुंआ कम कहाँ है।
हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सब
एक जगह बैठे ऐसी जाजम कहाँ है
एकता की बात हम रोज करते है
एक साथ उठने वाले कदम कहाँ है।
टेक्स जी भर कर लगा रहे है आप
मगर गुजारे लायक इन्कम कहाँ है।
–पी एल बामनिया
पी एल बामनिया जी की ग़ज़ल
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