एक वो हैं जो हर रोज़ हज़ार बहाने ढूँढ लेते हैं हमसे दूर जाने के और एक हम हैं जो अपनी हर साँस उनके बहाने लेते हैं – एकता खान एकता खान जी की कविता एकता खान जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
एक वो हैं जो हर रोज़
एक वो हैं जो हर रोज़
हज़ार बहाने ढूँढ लेते हैं
हमसे दूर जाने के
और एक हम हैं
जो अपनी हर साँस
उनके बहाने लेते हैं
– एकता खान
एकता खान जी की कविता
एकता खान जी की रचनाएँ
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