आहटें हैं ये उनके आने की चमकी क़िस्मत ग़रीबखाने की है अदा यह भी रूठ जाने की कोई कोशिश करे मनाने की इन अदाओं को हम समझते हैं बात छोड़ो भी आने-जाने की आज छाई हुई है काली घटा याद आती है आशियाने की यह तेरे प्यार का करिश्मा है धूम है हर तरफ़ फ़साने की उम्र भर याद मेरी आयेगी लाख कोशिश करो भुलाने की मैं हमेशा खरा ही उतरूंगा छोड़ फ़ितरत तू आज़माने की इनसे साग़र रखों न उम्मीदें नब्ज़ पहचान लो ज़माने की –विनय साग़र जायसवाल विनय साग़र जायसवाल जी की ग़ज़ल विनय साग़र जायसवाल जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
आहटें हैं ये उनके आने की
आहटें हैं ये उनके आने की
चमकी क़िस्मत ग़रीबखाने की
है अदा यह भी रूठ जाने की
कोई कोशिश करे मनाने की
इन अदाओं को हम समझते हैं
बात छोड़ो भी आने-जाने की
आज छाई हुई है काली घटा
याद आती है आशियाने की
यह तेरे प्यार का करिश्मा है
धूम है हर तरफ़ फ़साने की
उम्र भर याद मेरी आयेगी
लाख कोशिश करो भुलाने की
मैं हमेशा खरा ही उतरूंगा
छोड़ फ़ितरत तू आज़माने की
इनसे साग़र रखों न उम्मीदें
नब्ज़ पहचान लो ज़माने की
–विनय साग़र जायसवाल
विनय साग़र जायसवाल जी की ग़ज़ल
विनय साग़र जायसवाल जी की रचनाएँ
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