हर घड़ी दवा जिन्हें समझते हैं हम ज़ख़्म रोज़ हमें वो देते हैं क्यूँ हर घड़ी याद जिन्हें करते हैं हम अपनी यादों से हमें वो मिटाते हैं क्यूँ हर घड़ी साथ जीने की ख़्वाहिश करते हैं हम दूर जाने की कोशिश वो करते हैं क्यूँ – एकता खान एकता खान जी की कविता एकता खान जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
हर घड़ी दवा
हर घड़ी दवा जिन्हें समझते हैं हम
ज़ख़्म रोज़ हमें वो देते हैं क्यूँ
हर घड़ी याद जिन्हें करते हैं हम
अपनी यादों से हमें वो मिटाते हैं क्यूँ
हर घड़ी साथ जीने की ख़्वाहिश करते हैं हम
दूर जाने की कोशिश वो करते हैं क्यूँ
– एकता खान
एकता खान जी की कविता
एकता खान जी की रचनाएँ
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