प्यार का मेरे यह फ़साना है रात भर जागना मनाना है तुझसे मिलकर ही मैंने जाना है कितना आसान मुस्कुराना है इक तेरे प्यार की बदौलत ही मेरा हर दिन हुआ सुहाना है उस बदन की मिसाल क्या दूँ मैं वो मुजस्सिम शराबखाना है छोड़ आया हूँ.दीन दुनिया को तेरा पहलू ही अब ठिकाना है नोच देता है शोख सी कलियाँ कितना बेदर्द यह ज़माना है दौरे-मँहगाई देखिये साहिब कितनी मुश्किल से आबोदाना है राहे-मंज़िल के पेचोख़म साग़र सोचकर हर क़दम उठाना है –विनय साग़र जायसवाल विनय साग़र जायसवाल जी की ग़ज़ल विनय साग़र जायसवाल जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
प्यार का मेरे यह फ़साना है
प्यार का मेरे यह फ़साना है
रात भर जागना मनाना है
तुझसे मिलकर ही मैंने जाना है
कितना आसान मुस्कुराना है
इक तेरे प्यार की बदौलत ही
मेरा हर दिन हुआ सुहाना है
उस बदन की मिसाल क्या दूँ मैं
वो मुजस्सिम शराबखाना है
छोड़ आया हूँ.दीन दुनिया को
तेरा पहलू ही अब ठिकाना है
नोच देता है शोख सी कलियाँ
कितना बेदर्द यह ज़माना है
दौरे-मँहगाई देखिये साहिब
कितनी मुश्किल से आबोदाना है
राहे-मंज़िल के पेचोख़म साग़र
सोचकर हर क़दम उठाना है
–विनय साग़र जायसवाल
विनय साग़र जायसवाल जी की ग़ज़ल
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