
हेमलता पालीवाल 'हेमा'
हेमलता पालीवाल ‘हेमा’ जी उदयपुर की रहने वाली प्रख्यात कवयित्री हैं जिनकी लेखनी में विविध रंग देखने को मिलते हैं। वे ताज़े मुद्दों पर अत्यंत प्रभावशाली ढंग से अपने ख्याल गीतों व कविताओं के माध्यम से प्रस्तुत करती हैं। सुनने वालों को उनकी कविताएँ बाँध कर रखती हैं।
नाम: हेमलता पालीवाल ‘हेमा’
जन्म: 26-4-1969
मूल निवास: उदयपुर ( राज)
शिक्षा: एम.ए., बी.एड
कार्य: अध्यापन
रूचि: हिन्दी साहित्य मे काव्य लेखन
प्रकाशन: उनकी रचनाएँ कई साहित्यिक मंच पर प्रकाशित हो चुकी हैं जैसे हिन्दी भाषा डॉट कॉम, दैनिक नव ज्योति, पालीवाल समाज दर्पण, पालीवाल समाज वाणी आदि। काव्य ज्योति मे भी उनकी रचनाओं को स्थान मिला है।
हेमलता पालीवाल ‘हेमा’ जी को समर्पित नसीर बनारसी जी की कुछ पंक्तियाँ –

पत्थरों में एकता देखी है
जगह से हिला ढह गया
यही बात आदमी समझ जाए
इंसान से देवता हो जाए
जगह से हिला ढह गया
यही बात आदमी समझ जाए
इंसान से देवता हो जाए

हेमलता पालीवाल ‘हेमा’ जी की रचनाएँ ओजपूर्ण शब्दों में गुथी हुई होती हैं और श्रोताओं व पाठकों को विषय से बाँध कर रखती हैं। हिंदी साहित्य की लोकप्रिय कवयित्री हेमा जी विषय की बारीकियों को समेटते हुए सच्चे, सीधे व बेहद सधे हुए अंदाज़ में अपनी कविताओं का सृजन करती हैं।