इश्क़ में खोए लोगों को दुनियादारी नही दिखती धड़कते दिल को जहां की समझदारी नही दिखती जिनके दिल में नफ़रत और हिंसा ही भरी रहती अम्न की राह में उनकी हिस्सेदारी नही दिखती वतन की शान की ख़ातिर लुटा दे जान भी अपनी युवाओं में अब ऐसी जिम्मेदारी नही दिखती कहते कुछ और करते कुछ सियासी रंग है ऐसा नेताओं के वादों में ईमानदारी नही दिखती छुपकर वार करने वालों से कैसे बचेंगे हम आस्तीन में छुपे साँप की ग़द्दारी नही दिखती बिकता है यहाँ ज़मीर तिजोरी भरने की ख़ातिर दुनियाँ भर में ढूँढा है वो ख़ुद्दारी नही दिखती एकता शाद ने दी है मिसाल देखो मोहब्बत की आज कल इश्क़ में ऐसी वफ़ादारी नही दिखती – एकता खान एकता खान जी की कविता एकता खान जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
इश्क़ में खोए लोगों
इश्क़ में खोए लोगों को दुनियादारी नही दिखती
धड़कते दिल को जहां की समझदारी नही दिखती
जिनके दिल में नफ़रत और हिंसा ही भरी रहती
अम्न की राह में उनकी हिस्सेदारी नही दिखती
वतन की शान की ख़ातिर लुटा दे जान भी अपनी
युवाओं में अब ऐसी जिम्मेदारी नही दिखती
कहते कुछ और करते कुछ सियासी रंग है ऐसा
नेताओं के वादों में ईमानदारी नही दिखती
छुपकर वार करने वालों से कैसे बचेंगे हम
आस्तीन में छुपे साँप की ग़द्दारी नही दिखती
बिकता है यहाँ ज़मीर तिजोरी भरने की ख़ातिर
दुनियाँ भर में ढूँढा है वो ख़ुद्दारी नही दिखती
एकता शाद ने दी है मिसाल देखो मोहब्बत की
आज कल इश्क़ में ऐसी वफ़ादारी नही दिखती
– एकता खान
एकता खान जी की कविता
एकता खान जी की रचनाएँ
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