ज़ालिमों का रास्ता जुल्मों ज़फा का रास्ता है हमारा रास्ता सब्रो – रिज़ा का रासता देखना इब्ने अली शेरे ख़ुद का रास्ता राहे हक़ में सरफ़रोशी उर वफ़ा का रास्ता कर के क़ुरबां जान अपनी अहले हक़ समझा गए सब से अच्छा है यहाँ रब की रज़ा का रास्ता हो गया है क्या से क्या तेरा मुक़द्दर आज हुर छोड़ कर बातिल को पकड़ा है वफ़ा का रास्ता दिल में है ख़ोफ़े ख़ुदा उर जान में अज़्मे हुसैन रोक दें चाहें तो हम हर इक बाल का रास्ता फिर वही दर पेश आती जा रहीं है सूरतें हम को लाज़िम है के देखें करबला का रास्ता ख़ुश्क़ होंटो पे भी थी शब्बीर के हम्दो-सना उनकी नज़रों में था बस दारे वफ़ा का रास्ता ए-यज़ीदे वक़्त अब औक़ात में रहना ज़रा खोल देंगे वरना हम फिर करबला का रास्ता ख़्वाब में “इरशाद” अक्सर करबला आती है क्यूँ पेश क्या आएगा फिर वो इबितला का रास्ता –इरशाद अज़ीज़ इरशाद अज़ीज़ जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
ज़ालिमों का रास्ता जुल्मों ज़फा का रास्ता
ज़ालिमों का रास्ता जुल्मों ज़फा का रास्ता
है हमारा रास्ता सब्रो – रिज़ा का रासता
देखना इब्ने अली शेरे ख़ुद का रास्ता
राहे हक़ में सरफ़रोशी उर वफ़ा का रास्ता
कर के क़ुरबां जान अपनी अहले हक़ समझा गए
सब से अच्छा है यहाँ रब की रज़ा का रास्ता
हो गया है क्या से क्या तेरा मुक़द्दर आज हुर
छोड़ कर बातिल को पकड़ा है वफ़ा का रास्ता
दिल में है ख़ोफ़े ख़ुदा उर जान में अज़्मे हुसैन
रोक दें चाहें तो हम हर इक बाल का रास्ता
फिर वही दर पेश आती जा रहीं है सूरतें
हम को लाज़िम है के देखें करबला का रास्ता
ख़ुश्क़ होंटो पे भी थी शब्बीर के हम्दो-सना
उनकी नज़रों में था बस दारे वफ़ा का रास्ता
ए-यज़ीदे वक़्त अब औक़ात में रहना ज़रा
खोल देंगे वरना हम फिर करबला का रास्ता
ख़्वाब में “इरशाद” अक्सर करबला आती है क्यूँ
पेश क्या आएगा फिर वो इबितला का रास्ता
–इरशाद अज़ीज़
इरशाद अज़ीज़ जी की रचनाएँ
[simple-author-box]
अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें