जब तक नभ में चाँद सितारे,
तब तक उनका नाम रहेगा।
भारत का हर बच्चा बच्चा,
ज़िंदाबाद कलाम कहेगा।।
शान देश की बढ़ा गए वो,
है नाज़ हिन्द को उनपर,
भारत माँ के बने दुलारे,
राज करें वो हर दिल पर।
ज्ञान गगन में कीर्ती फैली,
युगों युगों तक काम रहेगा।
भारत का हर बच्चा बच्चा,
ज़िंदाबाद कलाम कहेगा।।
पाँव ज़मीं पर रहे हमेशा,
सपने नभ को चीर गए।
सबसे ऊँचे पद पर पहुँचे,
कलि में एक फ़कीर भए।
तकनीक मिसाइल की जो दी,
विज्ञान सदा सलाम करेगा।
भारत का हर बच्चा बच्चा,
ज़िंदाबाद कलाम कहेगा।।
उनके जैसा हुआ न होगा,
जग में कोई भी दूजा।
जीवन अर्पण किया देश को,
कह गए कर्म ही पूजा।
रजत नमन करते हम उनको,
चर्चा सुबहो शाम रहेगा।
भारत का हर बच्चा बच्चा,
ज़िंदाबाद कलाम कहेगा।।
जब तक नभ में चाँद सितारे
जब तक नभ में चाँद सितारे,
तब तक उनका नाम रहेगा।
भारत का हर बच्चा बच्चा,
ज़िंदाबाद कलाम कहेगा।।
शान देश की बढ़ा गए वो,
है नाज़ हिन्द को उनपर,
भारत माँ के बने दुलारे,
राज करें वो हर दिल पर।
ज्ञान गगन में कीर्ती फैली,
युगों युगों तक काम रहेगा।
भारत का हर बच्चा बच्चा,
ज़िंदाबाद कलाम कहेगा।।
पाँव ज़मीं पर रहे हमेशा,
सपने नभ को चीर गए।
सबसे ऊँचे पद पर पहुँचे,
कलि में एक फ़कीर भए।
तकनीक मिसाइल की जो दी,
विज्ञान सदा सलाम करेगा।
भारत का हर बच्चा बच्चा,
ज़िंदाबाद कलाम कहेगा।।
उनके जैसा हुआ न होगा,
जग में कोई भी दूजा।
जीवन अर्पण किया देश को,
कह गए कर्म ही पूजा।
रजत नमन करते हम उनको,
चर्चा सुबहो शाम रहेगा।
भारत का हर बच्चा बच्चा,
ज़िंदाबाद कलाम कहेगा।।
-अवधेश कुमार ‘रजत’
अवधेश कुमार 'रजत' जी की रचनाएँ
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