जगदीश तिवारी
उदयपुर के जगदीश तिवारी जी नामचीन शायर व कवि हैं, उन्होंने साहित्य की सभी विधाओं में एक से बढ़कर एक रचनाओं का सृजन किया है। वे कई साहित्य संस्थाओं से जुड़े हुए हैं। समय-समय पर उदयपुर आकाशवाणी से उनके ग़ज़लों, कविताओं व गीतों का प्रसारण होता रहता है।
नाम: जगदीश चंद्र तिवारी
जन्म: २२ नवम्बर १९५०, अजमेर, राजस्थान
शिक्षा: एम ए, बी एड
संप्रति: साहित्य सेवा (लेखन)
प्रकाशन:
- हारा नहीं हूँ मैं (काव्य संग्रह)
- हो रही है अब सहर (ग़ज़ल संग्रह)
- दोहा संसार (दोहा संग्रह)
- मुँह से कुछ बोला नहीं (दोहा संग्रह, प्रकाशाधीन)
- गुनगुना रे मन कुछ गुनगुना (गीत संग्रह, प्रकाशाधीन)
- ऐ मेरी जाने ग़ज़ल (ग़ज़ल संग्रह, प्रकाशाधीन)
प्रसारण: उदयपुर आकाशवाणी से ग़ज़ल, कविता और गीत का प्रसारण
भागीदारी: कवि सम्मेलनों और मुशायरें में भागीदारी
संप्रति: सेवा निवतृ अध्यापक, साहित्य साधना
सम्पर्क: 3 क, 63, सेक्टर 5, उदयपुर, राजस्थान 9351124552
अपने सोच को शब्दों के माध्यम से अभिव्यक्त करना किसी के लिए भी बेहद पेचीदा काम है परन्तु आपने इसे भी आसान बना दिया है। आपके बहुआयामी व्यक्तित्व व संजीदा सोच की छाप आपके लेखनी में दिखाई देती है।
समाज के बदलते परिवेश और नए दौर की आपाधापी में सामंजस्य बैठाती आपकी रचनाएँ जहाँ एक ओर प्रगतिशील सोच का सूचक हैं वहीं दूसरी ओर युवा पीढ़ी में कुछ कर गुजरने की इच्छा को प्रबल बनाती हैं। एक बेहतर समाज के निर्माण में आपकी रचनाओं का योगदान प्रशंसनीय है।