जीने का मैं ऐसे हुनर सीख पाया हूँ, हजारों गम लेकर भी मुस्कराया हूँ। ईश्वर ने ये अमूल्य जीवन दिया है मुझे, बस इसी बात का जश्न मनाता आया हूँ। इस कलम पर माँ सरस्वती की कृपा से अपने जज़्बातों को मै ज़ाहिर कर पाया हूँ। अपने शब्दों को एक माला में पिरोकर, गीत गज़ल शायरी में सजा कर लाया हूँ। – पी एल बामनिया पी एल बामनिया जी की बेहतरीन शायरी पी एल बामनिया जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
जीने का मैं ऐसे हुनर सीख पाया हूँ
जीने का मैं ऐसे हुनर सीख पाया हूँ,
हजारों गम लेकर भी मुस्कराया हूँ।
ईश्वर ने ये अमूल्य जीवन दिया है मुझे,
बस इसी बात का जश्न मनाता आया हूँ।
इस कलम पर माँ सरस्वती की कृपा से
अपने जज़्बातों को मै ज़ाहिर कर पाया हूँ।
अपने शब्दों को एक माला में पिरोकर,
गीत गज़ल शायरी में सजा कर लाया हूँ।
– पी एल बामनिया
पी एल बामनिया जी की बेहतरीन शायरी
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