गीत – चँदा ओ चँदा
गीत – चँदा ओ चँदा
चँदा ओ चँदा, देर न करना,
संग चाँदनी के, दर्शन देना ।
निर्जल रहकर व्रत रखूँ मै,
सखियो संग बाट जोऊ मै
अखण्ड सुहागन का वर देना
संग चाँदनी के, दर्शन देना।
माँग मे टीका और सिंदूर,
बनूँ मै दूल्हन यही दस्तूर ।
अमर रहे सदा मेरा सजना
तु आशिष यही देना,
संग चाँदनी के दर्शन देना…..
जन्मो – जन्मो का बँधन है
सात – जन्मो का साथ है।
रहे साथ-सजना का सदा,
ऐसा वरदान तु दे देना,
संग चाँदनी के दर्शन दे देना।
पति – धर्म है सबसे ऊँचा,
वेद-शास्त्र यह बतलाते है।
नारी की मर्यादा का पाठ पढाते है
तु मान मेरा रख लेना,
संग चाँदनी के दर्शन दे देना
चँदा ओ चँदा …..
गीत-चँदा ओ चँदा
गीत – चँदा ओ चँदा
गीत – चँदा ओ चँदा
चँदा ओ चँदा, देर न करना,
संग चाँदनी के, दर्शन देना ।
निर्जल रहकर व्रत रखूँ मै,
सखियो संग बाट जोऊ मै
अखण्ड सुहागन का वर देना
संग चाँदनी के, दर्शन देना।
माँग मे टीका और सिंदूर,
बनूँ मै दूल्हन यही दस्तूर ।
अमर रहे सदा मेरा सजना
तु आशिष यही देना,
संग चाँदनी के दर्शन देना…..
जन्मो – जन्मो का बँधन है
सात – जन्मो का साथ है।
रहे साथ-सजना का सदा,
ऐसा वरदान तु दे देना,
संग चाँदनी के दर्शन दे देना।
पति – धर्म है सबसे ऊँचा,
वेद-शास्त्र यह बतलाते है।
नारी की मर्यादा का पाठ पढाते है
तु मान मेरा रख लेना,
संग चाँदनी के दर्शन दे देना
चँदा ओ चँदा …..
–हेमलता पालीवाल “हेमा”
हेमलता पालीवाल "हेमा" जी की रचनाएँ
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