किसको दूँ मैं वोट यहाँ पर सबके भीतर खोट यहाँ पर कोई बाँटे बोतल शॉटल कोई फ़ेंके नोट यहाँ पर कोई धोती पगड़ी पहने कोई पहने कोट यहाँ पर अब तक कोई पुल न बना था अब है देखो बोट यहाँ पर जब से आयी तारिख़ वोट की मदिरा औ दा’लमोट यहाँ पर बढियाँ नेता चुनना है अब खा मत जाना चोट यहाँ पर करते सभी हैं वादे अच्छे गए हैं नेता लोट यहाँ पर बढियाँ नेता चुनना है अब करना ही है वोट यहाँ पर पछताओगे पाँच बरस तक मत के मत लो नोट यहाँ पर लोकतंत्र का पर्व यही है ‘शाद’ करो तुम वोट यहाँ पर – शाद उदयपुरी शाद उदयपुरी जी की ग़ज़ल शाद उदयपुरी जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
किसको दूँ मैं वोट यहाँ पर
किसको दूँ मैं वोट यहाँ पर
सबके भीतर खोट यहाँ पर
कोई बाँटे बोतल शॉटल
कोई फ़ेंके नोट यहाँ पर
कोई धोती पगड़ी पहने
कोई पहने कोट यहाँ पर
अब तक कोई पुल न बना था
अब है देखो बोट यहाँ पर
जब से आयी तारिख़ वोट की
मदिरा औ दा’लमोट यहाँ पर
बढियाँ नेता चुनना है अब
खा मत जाना चोट यहाँ पर
करते सभी हैं वादे अच्छे
गए हैं नेता लोट यहाँ पर
बढियाँ नेता चुनना है अब
करना ही है वोट यहाँ पर
पछताओगे पाँच बरस तक
मत के मत लो नोट यहाँ पर
लोकतंत्र का पर्व यही है
‘शाद’ करो तुम वोट यहाँ पर
– शाद उदयपुरी
शाद उदयपुरी जी की ग़ज़ल
शाद उदयपुरी जी की रचनाएँ
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