सिर्फ़ तुझपे है ऐतबार मुझे अब तो आजा, है इंतज़ार मुझे तेरे आने की आस में दिलबर पी रहा है यूँ सिगार मुझे बस तेरी एक झलक पाने को दिल ये करता है बेक़रार मुझे मेरे दिल की हरिक ख़ुशी के लिए करती रहती है तलबगार मुझे तुझमें डूबा हूँ एक तिनके सा ऐसे ना कर दरकीनार मुझे जा रहा हूँ ना लौट आऊँगा आके तू देख एक बार मुझे बन के बारिश तू मुझपे बरसा कर चाहे कर दे तू फिर बीमार मुझे ग़म में डूबा रहेगा ‘शाद’ सुनो आके दे दे तू ऐतबार मुझे – शाद उदयपुरी ‘शाद’ जी की नई रचनाओं को पढ़ने के लिए यहाँ फॉलो करें – मोहब्बत शायरी ग़ज़ल हिंदी में [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
सिर्फ़ तुझपे है ऐतबार मुझे
सिर्फ़ तुझपे है ऐतबार मुझे
अब तो आजा, है इंतज़ार मुझे
तेरे आने की आस में दिलबर
पी रहा है यूँ सिगार मुझे
बस तेरी एक झलक पाने को
दिल ये करता है बेक़रार मुझे
मेरे दिल की हरिक ख़ुशी के लिए
करती रहती है तलबगार मुझे
तुझमें डूबा हूँ एक तिनके सा
ऐसे ना कर दरकीनार मुझे
जा रहा हूँ ना लौट आऊँगा
आके तू देख एक बार मुझे
बन के बारिश तू मुझपे बरसा कर
चाहे कर दे तू फिर बीमार मुझे
ग़म में डूबा रहेगा ‘शाद’ सुनो
आके दे दे तू ऐतबार मुझे
– शाद उदयपुरी
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