कोई बात नही हैं हुई अभी रात नही हैं हुई बोलो जाएँ तो जाएँ कहाँ मुलाक़ात नही हैं हुई रात सपने में देखा जिसे सौग़ात नही हैं हुई इश्के बाज़ार में जानेमन अभी मात नही हैं हुई तू मेरी ना हुई तो कभी कायनात नही है हुई दिल में बादल बहुत हैं उठे फिर भी बरसात नही है हुई ‘शाद’ हमको हरा दे कोई ऐसी बात नही हैं हुई – शाद उदयपुरी ‘शाद’ जी की नई रचनाओं को पढ़ने के लिए यहाँ फॉलो करें – मुलाक़ात शायरी हिंदी में [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
कोई बात नही हैं हुई
कोई बात नही हैं हुई
अभी रात नही हैं हुई
बोलो जाएँ तो जाएँ कहाँ
मुलाक़ात नही हैं हुई
रात सपने में देखा जिसे
सौग़ात नही हैं हुई
इश्के बाज़ार में जानेमन
अभी मात नही हैं हुई
तू मेरी ना हुई तो कभी
कायनात नही है हुई
दिल में बादल बहुत हैं उठे
फिर भी बरसात नही है हुई
‘शाद’ हमको हरा दे कोई
ऐसी बात नही हैं हुई
– शाद उदयपुरी
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