नई जगह पर आ गया नई मिली है राह अब पूरी करनी मुझे दबी हुई सब चाह हिम्मत औ; विश्वास से अपने को तू जोड़ जीवन में उल्लस भर जीवन को दे मोड़ करम से बड़ा कुछ नहीं लिखे करम सब लेख करम करेगा तो सनम ! बदलेगी कर रेख बसा मीत हिय में उसे हिय को क्यों भटकाय वो तुझ में ही है छुपा काहे मन्दिर जाय प्रीत गीत के गा सनम ! बड़ा सभी से मेल प्रीत नाम के दीप में ख़तम न होता तेल दिल अभी भी जवान है बदन हुआ नाकाम कैसा तेरा खेल है सनझ न आये राम गोरे गोरे गाल हैं काले काले बाल कजरारे नयना करें हाय ! दिल में धमाल – जगदीश तिवारी जगदीश तिवारी जी की दोहा जगदीश तिवारी जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
नई जगह पर आ गया
नई जगह पर आ गया नई मिली है राह
अब पूरी करनी मुझे दबी हुई सब चाह
हिम्मत औ; विश्वास से अपने को तू जोड़
जीवन में उल्लस भर जीवन को दे मोड़
करम से बड़ा कुछ नहीं लिखे करम सब लेख
करम करेगा तो सनम ! बदलेगी कर रेख
बसा मीत हिय में उसे हिय को क्यों भटकाय
वो तुझ में ही है छुपा काहे मन्दिर जाय
प्रीत गीत के गा सनम ! बड़ा सभी से मेल
प्रीत नाम के दीप में ख़तम न होता तेल
दिल अभी भी जवान है बदन हुआ नाकाम
कैसा तेरा खेल है सनझ न आये राम
गोरे गोरे गाल हैं काले काले बाल
कजरारे नयना करें हाय ! दिल में धमाल
– जगदीश तिवारी
जगदीश तिवारी जी की दोहा
जगदीश तिवारी जी की रचनाएँ
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