Tag Archives: एकता खान

  • मोहब्बत पर कविता, एकता खान

    इश्क़ में खोए लोगों

    इश्क़ में खोए लोगों को दुनियादारी नही दिखती धड़कते दिल को जहां की समझदारी नही दिखती जिनके दिल में नफ़रत [...] More
  • अचे साथी की तलाश पर कविता, एकता खान

    जो मेरा हाल पढ़ सके

    जो मेरा हाल पढ़ सके वो नज़र ढूँढती हूँ जो मेरे दिल में उतर सके वो बशर ढूँढती हूँ लाखों [...] More
  • दिल को मालूम है

    दिल को मालूम है तू बस ख़्वाब ही है फिर क्यों तुझे पाने की ख़्वाहिश दबी सी है मीलों का [...] More
  • ज़िन्दगी की बेबसी पर कविता, एकता खान

    ज़िंदगी की भाग दौड़

    ज़िंदगी की भाग दौड़ और गिनती की ये साँसे जिन्हें देखना चाहते हैं ख़ुश दूर उन्ही से हैं सारा दिन [...] More
  • उम्मीद रखने पर कविता, एकता खान

    उनसे कुछ कहने की

    उनसे कुछ कहने की आरज़ू में बेज़ुबा अश्क़ यूँ ही निकल गए दिल की ख़ामोश गलियों में एहसासों के बादल [...] More
  • हर घड़ी दवा

    हर घड़ी दवा जिन्हें समझते हैं हम ज़ख़्म रोज़ हमें वो देते हैं क्यूँ हर घड़ी याद जिन्हें करते हैं [...] More
  • सवालो के जवाब पाने पर कविता, एकता खान

    उम्मीदों के चिराग़ को

    उम्मीदों के चिराग़ को जलाएँ तो कैसे राहों के अंधकार को मिटाएँ तो कैसे डूबती कश्ती को किनारे लाएँ तो [...] More
  • मोहब्बत और इश्क़ पर कविता, एकता खान

    एक वो हैं जो हर रोज़

    एक वो हैं जो हर रोज़ हज़ार बहाने ढूँढ लेते हैं हमसे दूर जाने के और एक हम हैं जो [...] More
  • प्यार में मिली जुदाई पर कविता, एकता खान

    साथ निकले थे जिनके

    साथ निकले थे जिनके हमसफ़र समझ के, मंज़िलें उनकी हमसे जुदा थीं। सफ़र जो ज़िंदगी से शुरू हुआ था अपना, [...] More
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