मेहरबानी अपनों की, ये ही बहुत है कम से कम, ग़ैर से लुटवाया तो नहीं होके दर-बदर भी रह, इतनी [...]
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मेहरबानी अपनों की
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बेरहम हो गया
बेरहम हो गया किस कदर ये जहां कांपती हैं जमी कांपता आसमाँ शोख़ जलवे सभी, खून से सन रहे आग [...] More -
हर नज़र के ख्वाब
हर नज़र के ख्वाब में तूफान हैं जानते है लोग पर अनजान हैं उन गुलों के वास्ते कर दो दुआ [...] More -
हर जज़्बे से पहले
हर जज़्बे से पहले, जज़्बाए इन्सानी याद रखो ख़ाक वतन की चूमो, ये ख़ाके लासानी याद रखो अमृत देती नदिया, [...] More -
मयकदे फीके पड़े सब
मयकदे फीके पड़े सब, देखकर आँखे तेरी मयकशों के दर्मियाँ होने लगीं बातें तेरी होंठ खिलते दो कमल से, नैन [...] More -
चमक दमक से चाँदी की
चमक दमक से चाँदी की ज़ात छुपे ना बाँदी की हुक्म चलाती है हम पर देखो हिम्मत मांदी की सूखे [...] More -
अपनी जगह से वो
अपनी जगह से वो हटा तो हटा कैसे जाने नहीं था घटना फिर घटा कैसे दुश्मन नहीं था महफिले गैर [...] More -
हम जैसे दीवानों
हम जैसे दीवानों से ना उलझो नादानों तूफानों से ना उलझो पराऐ हाथ जलने-बुझने वालो जाओ जी परवानों से ना [...] More -
भाव तो बराबर
भाव तो बराबर सितम ढा रहे हैं आजकल इसलिए ही ग़म खा रहे हैं परिवहन की बढ़ी दरों की वजह [...] More