सोचिए बंधुवर सोचिये किस तरह आज कोई जिये । जो अंधेरा मिटाने चले बुझ गये वो दिये किसलिये । ज़ख्म [...]
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सोचिए बंधुवर सोचिये
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प्यारी बोली हिन्दी की है
प्यारी बोली हिन्दी की है प्यारा हिन्दुस्तान मुक्त करें नफ़रत हिंसा से अपना हिन्दुस्तान मिलकर सुख़-दुःख बांटें कहती इसकी माटी [...] More -
कुछ लोग आज वतन तोड़ रहे हैं
कुछ लोग आज वतन तोड़ रहे हैं अपने ही पैरों की ज़मीं छोड़ रहे हैं कुछ लोग चाहते हैं ऊँचा [...] More -
जिस घर में बटवारा हो जाता है
जिस घर में बटवारा हो जाता है प्राणी प्राणी बंजारा हो जाता है हो जाता है प्यार एक सपने जैसा [...] More -
इन पेड़ों पर कैसी ये वीरानी है
इन पेड़ों पर कैसी ये वीरानी है टहनी-टहनी बिखरी एक कहानी है घाटी-घाटी सहमी-सहमी काँप रही इनकी कथा-व्यथा जानी पहचानी [...] More -
आओ प्यार की श्रृंखला बनायें
कहीं कुछ भी नहीं है जान लो भाईयों जीना है मुकद्दर यह मान लो भाईयों खाली हाथ आये थे और [...] More -
आज हर व्यक्तित्व लगता थका हारा है
आज हर व्यक्तित्व लगता थका हारा है और हर चेहरा की जैसे सर्वहारा है कौन ज़िम्मेदार है उनकी तबाही का [...] More