Tag Archives: शायर शाद उदयपुरी

  • साथ चाहिए पर ग़ज़ल, शाद उदयपुरी

    भूलकर हर अलम

    भूलकर हर अलम अब ख़ुशी चाहिये बस ख़ुशी से भरी ज़िन्दगी चाहिये भूल बैठा हूँ आलम को तेरे लिए इस [...] More
  • मेहनत पर ग़ज़ल, शाद उदयपुरी

    लड़ ज़माने से

    लड़ ज़माने से जिगर पैदा कर मेहनत करके हुनर पैदा कर मंज़िलें तुझको मिलेंगी आख़िर हिम्मतों से वो डगर पैदा [...] More
  • हाँ तुम्हारे दिल में भी

    हाँ तुम्हारे दिल में भी ये आग जलनी चाहिए अब हमारे देश की सूरत बदलनी चाहिए दुश्मनों की चाल को [...] More
  • लौट आ पर ग़ज़ल, शाद उदयपुरी

    मैं करूँगा इंतज़ार

    मैं करूँगा इंतज़ार हो सके तो लौट आ दिल हुआ है बेक़रार हो सके तो लौट आ जो लगे इल्ज़ाम [...] More
  • किसको दूँ मैं वोट यहाँ पर

    किसको दूँ मैं वोट यहाँ पर सबके भीतर खोट यहाँ पर कोई बाँटे बोतल शॉटल कोई फ़ेंके नोट यहाँ पर [...] More
  • दर्द हद से सिवा बढ़ता रहा

    दर्द हद से सिवा बढ़ता रहा और बढ़ना दवा बनता रहा हाल पूछा सभी ने यूँ मे'रा ज़ख्म नासूर सा [...] More
  • तुम लाख दूर जाओ

    तुम लाख दूर जाओ मगर कुछ भी नहीं होना हम दोनो साथ रहने की ख़ातिर हुए हैं पैदा हसरत नहीं [...] More
  • तन्हा होकर भी मैं

    तन्हा होकर भी मैं तो न तन्हा रहा रात भर दीप जो, साथ जलता रहा होके तुझसे जुदा मैं बिखरता [...] More
  • मैं जहाँ हूँ दिखाई देता हूँ

    मैं जहाँ हूँ दिखाई देता हूँ दिल से सुनिए सुनाई देता हूँ तोड़ लाये हैं आज तारे वो दिल से [...] More
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