था वजन एक सा काफिया एक था एक सा था बयां फलसफा एक था एक ‘रा’ से शुरू एक ‘रा’ पे खत्म थे मुसाफिर जुदा रास्ता एक था एक राधा बनी एक मीराँ बनी बातियाँ दो जलीं पर दीया एक था एक सूरत भजे एक सीरत भजे काल जो भी रहा वास्ता एक था ना वो जग से डरी ना ये जग से डरी प्रीत रंग में रमा हौसला एक था – इक़बाल हुसैन “इक़बाल” इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की ग़ज़ल इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
था वजन एक सा काफिया एक था
था वजन एक सा काफिया एक था
एक सा था बयां फलसफा एक था
एक ‘रा’ से शुरू एक ‘रा’ पे खत्म
थे मुसाफिर जुदा रास्ता एक था
एक राधा बनी एक मीराँ बनी
बातियाँ दो जलीं पर दीया एक था
एक सूरत भजे एक सीरत भजे
काल जो भी रहा वास्ता एक था
ना वो जग से डरी ना ये जग से डरी
प्रीत रंग में रमा हौसला एक था
– इक़बाल हुसैन “इक़बाल”
इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की ग़ज़ल
इक़बाल हुसैन “इक़बाल” जी की रचनाएँ
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