उसका दिखाया सच अगर नहीं पसंद तो पर्दा डाल दो उस पे ताकि बार-बार सामना होने पर शर्मिंदा न होना पड़े तुम्हें उसका क्या है वह तो वही दिखाएगा जो सच होगा सामने आएगा जैसा उसके तुम नहीं तो कोई और सही जो अपने सच में झांकेगा वो ही उठाएगा उसका पर्दा | – इरशाद अज़ीज़ इरशाद अज़ीज़ जी की कविता इरशाद अज़ीज़ जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
उसका दिखाया सच
उसका दिखाया सच
अगर नहीं पसंद
तो पर्दा डाल दो उस पे
ताकि बार-बार
सामना होने पर
शर्मिंदा न होना पड़े तुम्हें
उसका क्या है
वह तो वही दिखाएगा
जो सच होगा
सामने आएगा जैसा उसके
तुम नहीं तो कोई और सही
जो अपने सच में झांकेगा
वो ही उठाएगा
उसका पर्दा |
– इरशाद अज़ीज़
इरशाद अज़ीज़ जी की कविता
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