वह बिखर जाता है टूटने के बाद भी अपनी सच्चाई के साथ तोड़ने वाले के झूठ को साबित करता हुआ अनगिनत चेहरे दिखाता हुआ | – इरशाद अज़ीज़ इरशाद अज़ीज़ जी की कविता इरशाद अज़ीज़ जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
वह बिखर जाता है
वह बिखर जाता है
टूटने के बाद भी
अपनी सच्चाई के साथ
तोड़ने वाले के झूठ को
साबित करता हुआ
अनगिनत चेहरे
दिखाता हुआ |
– इरशाद अज़ीज़
इरशाद अज़ीज़ जी की कविता
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