कोयल कूके डाल पर, हँसता फूल पलास। जल्दी आजा साजना, तड़फाये मधुमास।। तड़फाये मधुमास, दवा कुछ कर दे आकर; जागूँ सारी रात, कहूँ दुःख किससे जाकर। करो कृपा “जगदीश” सजन-हिय कर दो कोमल; वो आयें घर-द्वार, डाल पर कूके कोयल।। –जगदीश तिवारी जगदीश तिवारी जी की वर्षा ऋतू पर कविता जगदीश तिवारी जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
कोयल कूके डाल पर
कोयल कूके डाल पर, हँसता फूल पलास।
जल्दी आजा साजना, तड़फाये मधुमास।।
तड़फाये मधुमास, दवा कुछ कर दे आकर;
जागूँ सारी रात, कहूँ दुःख किससे जाकर।
करो कृपा “जगदीश” सजन-हिय कर दो कोमल;
वो आयें घर-द्वार, डाल पर कूके कोयल।।
–जगदीश तिवारी
जगदीश तिवारी जी की वर्षा ऋतू पर कविता
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