आज दिल में मिरे भरे हैं जो लफ़्ज़ तेरे खरे खरे हैं जो देखकर यूँ मुझे परेशां तुम आम इंसा से हम परे हैं जो कस्मेवादे सभी तुम्हारे थे याद बनके धरे धरे हैं जो साथ मेरे यहाँ रहोगे तुम ये इरादे मरे मरे हैं जो सब बयाँ कर गये कहानी में अश्क़ आँखों में ये झरे हैं जो साथ तुझको मैं ग़ैर के देखूँ ज़ख़्म दिल के हरे हरे हैं जो – शाद उदयपुरी ‘शाद’ जी की नई रचनाओं को पढ़ने के लिए यहाँ फॉलो करें – जख्मी दिल शायरी हिंदी में [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
आज दिल में मिरे भरे हैं जो
आज दिल में मिरे भरे हैं जो
लफ़्ज़ तेरे खरे खरे हैं जो
देखकर यूँ मुझे परेशां तुम
आम इंसा से हम परे हैं जो
कस्मेवादे सभी तुम्हारे थे
याद बनके धरे धरे हैं जो
साथ मेरे यहाँ रहोगे तुम
ये इरादे मरे मरे हैं जो
सब बयाँ कर गये कहानी में
अश्क़ आँखों में ये झरे हैं जो
साथ तुझको मैं ग़ैर के देखूँ
ज़ख़्म दिल के हरे हरे हैं जो
– शाद उदयपुरी
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