ज़िंदगी की भाग दौड़ और गिनती की ये साँसे जिन्हें देखना चाहते हैं ख़ुश दूर उन्ही से हैं सारा दिन दिल में जिन्हें संजोते हैं आँखों में जिन्हें बसाते हैं उन्ही के दीदार को क्यों हर पल हम तरसते हैं – एकता खान एकता खान जी की कविता एकता खान जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
ज़िंदगी की भाग दौड़
ज़िंदगी की भाग दौड़
और गिनती की ये साँसे
जिन्हें देखना चाहते हैं ख़ुश
दूर उन्ही से हैं सारा दिन
दिल में जिन्हें संजोते हैं
आँखों में जिन्हें बसाते हैं
उन्ही के दीदार को क्यों
हर पल हम तरसते हैं
– एकता खान
एकता खान जी की कविता
एकता खान जी की रचनाएँ
[simple-author-box]
अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
One reply to “ज़िंदगी की भाग दौड़”
Lalit Kumar Saxena
मुझे कविताएं बहुत पसंद आई।