मुश्किल हो जब जान लगा लो देश की ख़ातिर शीश कटा लो वीर जवानो का मिलकर तुम अपने दिल में मान बढ़ा लो देश की खातिर मर मिट जायें ऐसा ज़ज़्बा दिल में जगा लो अम्न वतन का ख़तरे में है भाईचारा और बढ़ा लो प्रगति अपनी अधर में अटकी जात धरम का भेद मिटा लो घर-घर शिक्षा अब पहुँचा कर देश की अपनी शान बढ़ा लो कर के सुरक्षित हर बेटी को भारत माँ की लाज बचा लो दहेजप्रथा व्यापार हुआ है बेटों का बाज़ार हटा लो रिश्वतखोरी फैल रही है इस दीमक से देश बचा लो ‘शाद’ कहे ये सबसे सुनो तुम देश का गौरव मान बढ़ा लो – शाद उदयपुरी ‘शाद’ जी की नई रचनाओं को पढ़ने के लिए यहाँ फॉलो करें – देशभक्ति शायरी, गीत ग़ज़ल हिंदी में [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
भाईचारा और बढ़ा लो
मुश्किल हो जब जान लगा लो
देश की ख़ातिर शीश कटा लो
वीर जवानो का मिलकर तुम
अपने दिल में मान बढ़ा लो
देश की खातिर मर मिट जायें
ऐसा ज़ज़्बा दिल में जगा लो
अम्न वतन का ख़तरे में है
भाईचारा और बढ़ा लो
प्रगति अपनी अधर में अटकी
जात धरम का भेद मिटा लो
घर-घर शिक्षा अब पहुँचा कर
देश की अपनी शान बढ़ा लो
कर के सुरक्षित हर बेटी को
भारत माँ की लाज बचा लो
दहेजप्रथा व्यापार हुआ है
बेटों का बाज़ार हटा लो
रिश्वतखोरी फैल रही है
इस दीमक से देश बचा लो
‘शाद’ कहे ये सबसे सुनो तुम
देश का गौरव मान बढ़ा लो
– शाद उदयपुरी
‘शाद’ जी की नई रचनाओं को पढ़ने के लिए यहाँ फॉलो करें –
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