Tag Archives: मंजरी पाण्डेय

  • कहूँ कासे हिंदी कविता

    सूख गए आँसू आँखों से

    सूख गए आँसू आँखों से हँसी उड़न छू होंठों से । हतप्रभ मौन खड़ा देखे है अनुच्चरित शब्दों से।। कोई कहता दाएँ जाओ कोई कहता है बाएँ । चौराहा भी मुझे घूरता वहीं खड़ी मैं बरसों से ।। युग बदला युगमापक नए गाँव शहर में बदल गए । हम ही घर न बना पाए आँचल [...] More
  • Bas Chale Aao

    है हसीं रात बस चले आओ

    है हसीं रात बस चले आओ बहके जज़्बात बस चले आओ । जिसने वादा किया वफ़ा देंगे दे रहा घात बस चले आओ । ज़िन्दगी हो गई क्यों आवारा क्या सवालात बस चले आओ । ठंडे पानी में जल रही हूँ मैं ये है बरसात बस चले आओ । 'मंजरी'अब सहा नही जाता अरजे हालात [...] More
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