• गरीबी बेरोजगारी भुखमरी पर मुक्तक, नसीर बनारसी

    तुमको सुविधायें मिली

    तुमको सुविधायें मिली लेकिन हमें कठिनाईयां । देख लो फिर भी वही पर हम भी प्यारे आ गये । जब लगी ज्यादा सुरक्षित निध॔नों की झोपड़ी नसीर । छोड़कर अपने महल हम डर के मारे आ गये । पार कर गहरा समन्दर हम किनारे आ गये । नाव थी टूटी मगर उसके सहारे आ गये [...] More
  • प्यार मोहब्बत पर मुक्तक, नसीर बनारसी

    प्यार तीर सा चुभना

    प्यार तीर सा चुभना पर दिल का उनपर ही लुभना । मुहब्बत की पहचान है । चेहरे की बनावट की वजह है ये मुहब्बत । जो दिल में समा जाए वो दिलवर सा लगे है । चेहरा है हसीन सितमगर सा लगे है । वह चांद है लेकिन मुझे खंजर सा लगे है । - [...] More
  • देखता हूं वह कहां तक उडेगा

    देखता हूं वह कहां तक उडेगा । जहां तक उडेगा गगन मे रहेगा । भापेंगा जब कोई खतरा नसीर । जमीं पर उसको सुरक्षित रखेगा । - नसीर बनारसी मोहम्मद नसरुल्लाह 'नसीर बनारसी' जी की मुक्तक मोहम्मद नसरुल्लाह 'नसीर बनारसी' जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें More
  • दिल बिछड़ने को नही है ।

    दिल बिछड़ने को नही है । साथ बस निभाने की है । दिल प्यार से लबालब नसीर । हो गया अस्तित्व घुलनशील है । - नसीर बनारसी मोहम्मद नसरुल्लाह 'नसीर बनारसी' जी की मुक्तक मोहम्मद नसरुल्लाह 'नसीर बनारसी' जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें More
  • उम्मीद का चिराग, विनय साग़र जायसवाल

    बुझ रहे थे रफ़्ता रफ़्ता जो फ़सीलों के चराग़

    बुझ रहे थे रफ़्ता रफ़्ता जो फ़सीलों के चराग़ आपने आकर जलाये वो उमीदों के चराग़ दिल बहुत मायूस था तो ज़िन्दगी रूठी हुई अब हवा से लड़ रहे हैं हम मुरीदों के चराग़ -विनय साग़र जायसवाल विनय साग़र जायसवाल जी की मुक्तक विनय साग़र जायसवाल जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद [...] More
  • हिंदी भाषा पर मुक्तक, मोहम्मद नसरुल्लाह 'नसीर बनारसी'

    प्यारी बोली हिन्दी की है

    प्यारी बोली हिन्दी की है प्यारा हिन्दुस्तान मुक्त करें नफ़रत हिंसा से अपना हिन्दुस्तान मिलकर सुख़-दुःख बांटें कहती इसकी माटी रहे चमकता और दमकता अपना हिन्दुस्तान -नसीर बनारसी मोहम्मद नसरुल्लाह 'नसीर बनारसी' जी की मुक्तक मोहम्मद नसरुल्लाह 'नसीर बनारसी' जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें More
  • प्यार का दर्द, पी एल बामनिया

    अब थोड़ा सा वक्त तू मेरे नाम कर दे

    अब थोड़ा सा वक्त तू मेरे नाम कर दे, और फिर वक्त के पहिये को जाम कर दे। अब इस तरह से मुझे तू बदनाम कर दे, गमजदा हूँ कुछ और गम मेरे नाम कर दे। -पी एल बामनिया पी एल बामनिया जी की खराब वक्त पर मुक्तक पी एल बामनिया जी की रचनाएँ [simple-author-box] [...] More
  • निशा हिंदी मुक्तक

    निशा ने प्रेम की थपकी मुझे देकर सुलाया था

    निशा ने प्रेम की थपकी मुझे देकर सुलाया था । सपन ने प्यार से मुझको मेरे प्रिय से मिलाया था । यकायक हो गया ऐसा उठी बारात तारों की - किरण ने गर्मजोशी से पुन: मुझको जगाया था ।। - अवधेश कुमार 'अवध' अवधेश कुमार 'अवध' जी की मुक्तक अवधेश कुमार 'अवध' जी की मुक्तक [...] More
  • देश की प्रगति पर कविता, अवधेश कुमार 'अवध'

    बार-बार जनता ये कहती, है विकास की गति धीमी।

    बार - बार जनता ये कहती, है विकास की गति धीमी। हर उपाय होता नाकाफी, नाकाफ़ी कोशिश नीमी। सत्तर सालों की आजादी, को हमने यूँ जिया है - एक तरफ बढ़ती आबादी, दूजे हम दीमक - क्रीमी ।। हर दिल की आवाज बनेगी | अवध लेखनी राज करेगी || - अवधेश कुमार 'अवध' अवधेश कुमार [...] More
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