• बरसा नहीं निकल गया

    बरसा नहीं निकल गया, जुल्मी बादल मीत क्या इसे अब नहीं रही, धरती माँ से प्रीत मत तड़फा ऐसे हमें, [...] More
  • चित्तोर पर दोहा, जगदीश तिवारी

    मेवाड़ की गाथा पर

    वीर सदा पैदा हुए, जिस धरती पर मीत। भूल न उस चित्तौड़ को, उस पर लिख तू गीत।। लिख गाथा [...] More
  • माँ पर दोहा, जगदीश तिवारी

    अब तो साजन देख

    अब तो साजन देख ले थोड़ा मेरी ओर दो पल को मिल जायेगी इस हियड़े को ठोर कोयल अब कूके [...] More
  • समय गया तो

    समय गया तो पास कुछ नहीं रहेगा साथ समय बड़ा बलवान है थाम उसी का हाथ सम्मुख जब तक वो [...] More
  • नई जगह पर आ गया

    नई जगह पर आ गया नई मिली है राह अब पूरी करनी मुझे दबी हुई सब चाह हिम्मत औ; विश्वास [...] More
  • मोबाइल पर दोहा, जगदीश तिवारी

    मोबाइल ने गाँव में

    मोबाइल ने गाँव में जब से किया प्रवेश देखो सारे गाँव का बदल गया परिवेश अपनापन हँसता नहीं झूठे सब [...] More
  • हरियाली पर दोहा, जगदीश तिवारी

    खूब लगायें पेड़

    खूब लगायें पेड़ हम हो पेड़ो की छाँव हरियाली हँसने लगे हँसे हमारे गाँव आन मान से सब रहें रखें [...] More
  • सूरज की किरणें

    सूरज की किरणें हंसी हँसने लगा पलास देख धरा का रूप ये नाच रहा आकाश छम छम छम पायल बजी [...] More
  • एकता पर दोहा, जगदीश तिवारी

    भाई कैसे हो गये हम

    भाई कैसे हो गये हम इतने मजबूर अपनों से ही हम नहीं खुद से भी हैं दूर कुछ तो ऐसा [...] More
Updating…
  • No products in the cart.