दिल से दुनिया निकाल कर आना ऐसा कोई कमाल कर आना -इरशाद अज़ीज़ इरशाद अज़ीज़ जी की दुनिया पर शायरी इरशाद अज़ीज़ जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
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दिल से दुनिया निकाल कर आना
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जीने का मैं ऐसे हुनर सीख पाया हूँ
जीने का मैं ऐसे हुनर सीख पाया हूँ, हजारों गम लेकर भी मुस्कराया हूँ। ईश्वर ने ये अमूल्य जीवन दिया है मुझे, बस इसी बात का जश्न मनाता आया हूँ। इस कलम पर माँ सरस्वती की कृपा से अपने जज़्बातों को मै ज़ाहिर कर पाया हूँ। अपने शब्दों को एक माला में पिरोकर, गीत गज़ल [...] More -
मुझ पर भी अब मदहोशी छाने लगी
मुझ पर भी अब मदहोशी छाने लगी, मेरे घर ये हवा मैखानों से आने लगी। रात ढले अब तनहाईयाँ पसरने लगी, इक बार फिर याद तेरी सताने लगी। तेरा इक ख्याल हौले से छूकर गया मुझे, ठहरे इस दिल की धड़कन कंपकंपाने लगी। इन दीवारों ने भी आज जिक्र छेड़ दिया तेरा, कमरे में सजी [...] More -
दिल को गुमराह कर सकें
हम तो मुस्कुराते हैं कि दिल को गुमराह कर सकें, बहुत गुमान है इसे कि ये इशारों पे नचा सकता है हम तो पीते हैं कि दिल की गहराइयों को भर सकें, बहुत ज़ालिम है ये जो हमें ही पी जाता है - एकता खान एकता खान जी की शायरी [simple-author-box] अगर आपको यह रचना [...] More -
उसकी नज़रें
उसकी नज़रों ने जब छुआ हज़ार स्पर्शों से ज़्यादा छुआ उसके होठों ने जब इकरार किया हज़ार वादों से ज़्यादा किया - एकता खान नज़र शायरी हिंदी में [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें More -
वो मेरा किरदार कहेगा
न वो मुझे फूल कहेगा न वो मुझे ख़ार कहेगा। बस इतनी इजाज़त है, वो मेरा किरदार कहेगा। - नमिता नज़्म नमिता नज़्म जी की रचना [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें More -
महबूब की गलियों से ये तहज़ीब आ गयी
महबूब की गलियों से ये तहज़ीब आ गयी मोहब्बत से मुझे जीने की तरकीब आ गयी क़दमों की तेरी चाल से मेरा हाल यूँ हुआ आहात की झुरमुटों से वो करीब आ गयी - डॉ. विनोद कुमार मिश्र 'कैमूरी' महबूब पर शायरी हिंदी में [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर [...] More -
है हसीं रात बस चले आओ
है हसीं रात बस चले आओ बहके जज़्बात बस चले आओ । जिसने वादा किया वफ़ा देंगे दे रहा घात बस चले आओ । ज़िन्दगी हो गई क्यों आवारा क्या सवालात बस चले आओ । ठंडे पानी में जल रही हूँ मैं ये है बरसात बस चले आओ । 'मंजरी'अब सहा नही जाता अरजे हालात [...] More -
ख़ुदा सितारों सी बुलन्दी मत दे
ख़ुदा सितारों सी बुलन्दी मत दे ज़मीं पे रहने का सलीक़ा दे दे हरेक घर पर एक सा ही चमके हमें मुहाफ़िज़ चाँद सरीखा दे दे - इक़बाल हुसैन 'इक़बाल' इक़बाल हुसैन 'इक़बाल' द्वारा रचित हिंदी शायरी [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें More