दिल बिछड़ने को नही है । साथ बस निभाने की है । दिल प्यार से लबालब नसीर । हो गया अस्तित्व घुलनशील है । – नसीर बनारसी मोहम्मद नसरुल्लाह 'नसीर बनारसी' जी की मुक्तक मोहम्मद नसरुल्लाह 'नसीर बनारसी' जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
दिल बिछड़ने को नही है ।
दिल बिछड़ने को नही है ।
साथ बस निभाने की है ।
दिल प्यार से लबालब नसीर ।
हो गया अस्तित्व घुलनशील है ।
– नसीर बनारसी
मोहम्मद नसरुल्लाह 'नसीर बनारसी' जी की मुक्तक
मोहम्मद नसरुल्लाह 'नसीर बनारसी' जी की रचनाएँ
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