आज महफिल में गुलशन, खिला देंगे हम, फिर धरती पर सुमन, बिछा देंगे हम, अगर राहे मंजिल, मिले आपका, बूंद [...]
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आज महफिल में गुलशन
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जलने से बेटियों को बचाएं
रस्में ताल्लुकात निभायें, तो किस तरह, भूलें हैं वो याद दिलायें, तो किस तरह । बेटे तो सभी बिक चुके [...] More -
पावन हिमगिरि उतगं श्रृंग पर
पावन हिमगिरि उतगं श्रृंग पर, धवल हिम अति जमते देखा । जीवन सचिंत निज अंको मे, दिनकर रश्मि चमकते देखा [...] More -
महबूब की गलियों से ये तहज़ीब आ गयी
महबूब की गलियों से ये तहज़ीब आ गयी मोहब्बत से मुझे जीने की तरकीब आ गयी क़दमों की तेरी चाल [...] More