अक्टूबर इकतीस को, जन्मे सन्त सुजान। झवेर भाई लाडबा, की चौथी सन्तान।। कष्टों से जब हुआ सामना, देश प्रेम की [...]
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अक्टूबर इकतीस को,
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प्रतिमा विशाल यदि
प्रतिमा विशाल यदि बनी सरदार की जो, वामी पीडी छाती पीट करते विलाप क्यों। एक परिवार के ही नाम सारी [...] More -
नारी हित की बात करेंगे
नारी हित की बात करेंगे पर आवाज़ दबाएंगे, नैतिकता का पिंड दान कर अपना राज चलाएंगे। रूप सजा निकले जब [...] More -
जब तक नभ में चाँद सितारे
जब तक नभ में चाँद सितारे, तब तक उनका नाम रहेगा। भारत का हर बच्चा बच्चा, ज़िंदाबाद कलाम कहेगा।। शान [...] More -
डूब वासना में सब भूल
डूब वासना में सब भूल, जीवन में बो बैठे शूल। तन मन पर नारी के घाव, देख रहे सब ले [...] More -
भगीरथ चला गया
अविरल गंगा की जिद पकड़े एक भगीरथ चला गया, राजतंत्र के हाथों फिर से आम नागरिक छला गया। व्यथित हाल [...] More -
घर ग्रस्थि पर कविता
घर परिवार गाँव छोड़ बसे परप्रान्त, मजदूरी कर रोजी अपनी कमाते हैं। कायरों का झुंड लिए धूर्तता के ठेकेदार, कर्मवीर [...] More -
माथे बिंदी पाँव महावर
माथे बिंदी पाँव महावर लाज क घूँघट ओढ़ चलल, नाता रिश्ता नइहर वाला पल भर में ही गैर भयल। गुड्डा [...] More -
आँख से मिलाई आँख चैन छीन ले गए वो
आँख से मिलाई आँख चैन छीन ले गए वो, मन का मयूर झूम झूम नाचने लगा। दुनिया की सारी पुस्तकों [...] More