ये और बात कि सजदे नहीं क़ुबूल उसे मगर वो शख़्स हमारा ख़ुदा तो अब भी है - सुरेन्द्र कुमार चौधरी सुरेन्द्र कुमार चौधरी जी की रचनाएँ [simple-author-box] अगर आपको यह रचना पसंद आयी हो तो इसे शेयर करें
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ये और बात कि सजदे नहीं क़ुबूल उसे
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शौक़ सारे छिन गये, दीवानगी जाती रही
शौक़ सारे छिन गये, दीवानगी जाती रही आयीं ज़िम्मेदारियाँ, तो आशिकी जाती रही मांगते थे ये दुआ हासिल हो हमको दौलतें और जब आयी अमीरी, शायरी जाती रही मय किताब-ए-पाक़ मेरी, और साक़ी है ख़ुदा बोतलों से भर गया दिल, मयकशी जाती रही रौशनी थी जब मुकम्मल, बंद थीं ऑंखें मेरी खुल गयी आँखें मगर [...] More