जमीन पर गड़े पत्थर ने अचानक दिया रोक पाँवों को एक करारी ठोकर लगी दर्द से कराह उठा तन्द्रा भागी, [...]
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जमीन पर गड़े
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एक इन्सान का जिस्म
एक इन्सान का जिस्म सड़क पर खुले आम बोटियों में बाँटकर कर दिया गया लावारिस जानवरों के नाम लोंगो ने [...] More -
धीमे – धीमे बहती हवा
धीमे - धीमे बहती हवा दौड़ने लगी अचानक कमर के बल झुके कूबड़े पेड़ ने तालियाँ बजानी शुरू कर दीं [...] More -
पुराने देवताओं की जगह
पुराने देवताओं की जगह नये-नये देवताओं ने कार्यभार सँभाला और पुराने देवों को उनके देवालयों से बलपूर्वक निकाला क्योंकि वे [...] More -
वह भिखारी है
वह भिखारी है भूख से व्याकुल धँसी हुई आँखें भूखी हैं और प्यास से प्यासी हैं कितनी उदासी हैं माँग [...] More -
दिन भर की भाग दौड़
दिन भर की भाग दौड़ के बाद थके हारे पक्षी बेचारे अपने घास-फूस के घोसलों की और लौट रहे हैं [...] More -
आज से मैं
आज से मैं इस कोशिश में लग गया हूँ कि शहरों और गाँवों की समूची बस्तियों को छोटी-बड़ी सभी हस्तियों [...] More -
सौन्दर्य पर आकर्षित
सौन्दर्य पर आकर्षित वैभव पर मोहित चुम्बन को बेताब उन लोगों के बढ़े हुए दोनों हाथ भ्रष्टाचार के उन्नत उरोजों [...] More -
सौपे गये थे हमें जो दस्तावेज
सौपे गये थे हमें जो दस्तावेज हमने जिन्हें सँभाल कर रखने की कसम खायी थी जिन पर लिखा था हमारी [...] More