हमने अर्पण किया जान तन आप पर । आ गया है हमारा ये मन आप पर । इक झलक पर [...]
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हमने अर्पण किया
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छोड़ो हमारा साथ
छोड़ो हमारा साथ जो तुमको बुरा लगे । वो साथ कैसा साथ जो मिलकर जुदा लगे । था मुद्दतों का [...] More -
अजब मौजे तूफ़ान
अजब मौजे तूफ़ान के वलवले हैं । नदी की अगन से किनारे जले हैं । दहकते बदन से डरे कब [...] More -
वो जफ़ा थी या वफ़ा
वो जफ़ा थी या वफ़ा भूल गए हैं अब तक । आप क्यूँ जाने उसे याद रखे हैं अब तक [...] More -
चाहत है तो कुछ
चाहत है तो कुछ दूरी जरूरी है दर्पण जैसी मज़बूरी ज़रूरी है आपको तब तक नहीं आएगी ज़ख़्मों की