Author Archives: Kavya Jyoti Team

  • आदमी कहाँ लड़ता है, आजकल से

    आदमी कहाँ लड़ता है, आजकल से

    आदमी कहाँ लड़ता है, आजकल से, लड़ती हैं उसकी मजबूरियाँ बैचेन होकर छैनी-हथौड़ी लेकर हथेली की रेखाओं की बुनावट सें, परिंदे नहीं लड़ते हैं पेड़ो से गौर से देखो... लड़ रही हैं कुछ भूखी कुल्हाड़ियाँ पेड़ो के बदन से, आदमी भी नहीं लड़ता आदमी से कुछ बोतलें लड़ती बोतलों से खुद में नशा भरकर... चंद [...] More
  • स्टेशन मास्टर पर कविता, गोविन्द

    स्टेशन से मीलो की दूरी पर

    स्टेशन से मीलो की दूरी पर खड़ा कर दिया गया है मुझे निर्जन में, अकेले, चुपचाप पाषाण की भांति मेरी आँखें, सुर्ख लाल हो गई हैं जागते-जागते रात भर पहले शाम को भूख-प्यास के नाम पर थोड़ा सा, मिट्टी का तेल पिला दिया जाता था हमें जिससे मेरे ह्रदय में जलन सी होती थी उसकी [...] More
  • नारी शोषण पर कविता, हेमलता पालीवाल

    सुख-समृद्धी की कामना लिए

    सुख-समृद्धी की कामना लिए जलाओ तुम माटी के नन्हे दीए। देवी को सज-धज कर, पूजा करे वो देश नारी उत्पीड़ित क्यूँ रहे। नव-दिन खूब भक्ति-भाव रख पूरी श्रद्धा से व्रत-उपवास रखे। देवी को प्रसन्न करने, सारे जतन करे, उस देश में नारी क्यूँ, यातना सहे। घर-घर होती घट-स्थापना , पूजा-अर्चना, आरती खूब होती। लगते भोग-व्यंजन [...] More
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