Tag Archives: देवेन्द्र कुमार सिंह ‘दद्दा’

  • देश धर्म पर कविता, देवेन्द्र कुमार सिंह

    कविता सरस्वती की कुपा

    कविता सरस्वती की कुपा की अमोघ शक्ति इसमें कृपाण की सी धार होनी चाहिए | छिन्न-भिन्न कर दे कुरीतियों के संस्कार जाति पाँति पर इसे प्रहार होनी चाहिये | ज्ञान का स्फुलिंग देश धर्म का सुधार करे जन-जागरण की पुकार होनी चाहिये | एकता अखण्डता औ समता प्रवाहित हो प्रीति रीति नीति सूत्र-धार होनी चाहिए [...] More
  • देश प्रेम पर कविता, देवेन्द्र कुमार सिंह

    लिखना ही चाहते हैं

    लिखना ही चाहते हैं आप छन्द और बन्द पहले तिरंगे की कहानी लिख दीजिये | मातृभूमि वन्दनीय देश अभिनन्दनीय भाव और भाषा की रवानी लिख दीजिये | | दासता की वेड़ियों से मुक्ति में प्रयास रत अनजाने लालों की जवानी लिख दीजिये | चूम लिया फन्दे को गले में जयमाल मान ऐसी बीर बानी क़ुरबानी [...] More
  • स्नेह की थाल में भाव के पुष्प से

    स्नेह की थाल में भाव के पुष्प से जो सजायी गयी है नवल आरती | वन्दना में नमित माथ मेरे सदा और शाश्वत बनी ही रहे भारती || श्वेत वसना मना श्वेत पदमासना बीन के तार से भक्त को तारती मैं निवेदित सुमन सा समर्पित सदा माँ मेरी भारती, भारती, भारती | - देवेन्द्र कुमार [...] More
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