विचारों में जहाँ गहराइयाँ हैं ग़ज़ल लेती वहीं अंगड़ाइयाँ हैं जिसे चाहा हमें मिल जाए गर वो सताती फिर नहीं [...]
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विचारों में जहाँ गहराइयाँ हैं
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सावन का मौसम है फिर भी क्यों पसरा है पतझर
कुछ भी ना बाहर है बाबा जो भी है भीतर है बाबा सावन का मौसम है फिर भी क्यों पसरा [...] More -
यार वो भी कमाल करता है
यार वो भी कमाल करता है अपने दुश्मन को साथ रखता है हाथ में एक गुलाब रखता है और हँस [...] More