आ-मदे फिक्र की रवाँ बेची शान झूठी रखी अनां बेची वर्क इतिहास के गवाही दें कौनसी चीज़ कब कहाँ बेची [...]
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आ-मदे फिक्र की रवाँ बेची
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खिंच लाती है
खिंच लाती है जुस्तजू तेरी अच्छी लगती है गुफ्तगू तेरी फूल में चाँद में हरेक मंज़र में शक्ल दिखती है [...] More -
उम्र कुछ इस तरह
उम्र कुछ इस तरह बिता दी है राख के ढेर को हवा दी है आपका फ़ैसला निराला है ज़िन्दगी बख्श [...] More -
रगे खू में क्या
रगे खू में क्या घुला क्या कहें हम जबाँ रख के बेजुबाँ क्यूं रहें हम जबाँ पर ताले लगे है [...] More -
और हम क्या-क्या
और हम क्या-क्या करें मुस्कराने के लिये घर हमने जला दिया जगमगाने के लिये दोस्ती वादे वफा सब फरेबों के [...] More -
धनवानों का ही भला,
धनवानों का ही भला, करने वाले लोग । छाती में नासूर हैं, दूर हटाओ रोग । जल्दी से इस रोग [...] More -
तजो बातें हिंदुओं
तजो बातें हिंदुओं से मुसलमा की लड़ाई की । करो कोशिश हमेशां अब चन्द्रमाँ पर चढ़ाई की । कदम मिलकर [...] More -
इधर देखना ना उधर देखना है
इधर देखना ना उधर देखना है । अगर देखना है तो घर देखना है । सदा मम्मी पापा को रखना [...] More -
हरिक साया जलाने सा रहा
हरिक साया जलाने सा रहा । और वादा बहाने सा रहा । तोड़ कर वो भरोसा यूँ गया, शक्ल अब [...] More